मुस्लिमों के लिए मक्का मदीना होता हैं जन्नत का रास्ता। मुस्लिम वर्ग की हर एक व्यक्ति अपनी पूरी ज़िंदगी में एक बार जरूर मक्का मदीना घूमने का ख्वाहिस रखता हैं। उसका एक सपना होता हैं कि एक बार ही सही मक्का मदीना जरूर जाऊँगा। मक्का मदीना के बारे में हम सुनते आये हैं कि वहा पे भगवान शिव को कैद करके रखा गया हैं। और वहाँ पे हिन्दू घर्म के रीति रिवाजों का भी पालन होता हैं।
मक्का मदीना को बनाने का काम आज से लगभग चौदासो साल पूर्व पैग़म्बर मोहम्मद द्वारा शुरू किया गया था। मक्का मदीना के चारों तरफ़ मस्जिद बनी हुई हैं। दुनियाभर के मुस्लिम यहाँ आतें हैं, सिर जुका के नमाज पढ़ते और अपनी गुनाहों के लिए माफ़ी माँगते हैं।
भारत वर्ष कभी भी इस बात से इन्कार नहीं करता कि इस्लाम के द्वारा हिंदुस्तान में अनेकों मंदिर तोडे गए हैं। हिंदुस्तान क्या दुनिया के कोने कोने में हिन्दू मंदिरों को तोड़ा गया। हिन्दुओ की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहोचाई गई। इस्लाम में बहुत सारे शासक ऐसे भी हुए जिन्हों ने मंदिरों को तोड़ कर उसी ईंट और शीशो से वहाँ मस्ज़िद बनवाएं। इस्लाम के सर्शको की हदे तब पार हो गई जब तजिला विश्व विद्यालय और सोमनाथ मंदिर को भी तोड़ा गया।
इस्लाम की ईंट इसी बात पर टिकी हैं कि दूसरों के धर्म को नष्ट करो उनके धर्म श्लोक को तोड़ कर वहाँ मस्जिद और मकबरा बनवाओ। इस काम मे जिस किसी भी वर्ग या समुदाय को आगे आनेकी हिम्मत दिखाई उन्हें मौत के नींद सुला दी गई। मुसलमानों के हमले ने मक्का का इतिहास बदल दिया। इस्लामिक घर्म की शुरुआत तलवार से हुई थी और उसका पालन भी तलवार से ही हो रहा हैं।और निश्चित रूप से उसका अंत भी तलवार से ही होगा।
आज पूरी दुनिया में दिखाए मक्का मदीना प्राचीन महादेव का मंदिर हैं। वहाँ पे कभी भगवान शिव की पूजा की जाती थी। अवशेषों में पाया गया हैं कि वहाँ पे एक विशालकाय काले रंग का शिवलिंग था। जो कि टूटी अवस्था में आज भी वही स्थित हैं। आपको बता दे कि हज के समय मुस्लिम संगे असरथ को चूमते और पुजते हैं। ये उस शिवलिंग का ही अवशेष हैं। मक्का मदीना प्राचीन काल में शिवजी का मंदिर हुआ करता था।जो मखलेस्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता था।
सऊदी अरब की मक्का में जो काबा है वहा भी कभी भोलेनाथ भगवान का विशाल शिवलिंग होता था। इसीको बाद में मखलेश्वर कहा जाने लगा। मक्का के गेट पर लिखा था काफ़िरोका अंदर जाना मना हैं। जिसे अब बदल कर लिख दिया गया हैं कि वहाँ गैर मुसलमानो का आना मना हैं। इसका साफसाफ मतकब हैं कि ईसाई, बौद्ध और जैन धर्म को मानने वाले लोग अंदर नहीं जा सकतें।
इस्लाम के स्थापक एक ऐसे गिरोके नेतृत किया करतें थे कि जो हिंसक गढ़विद्या और वासना के पुजारी हुआ करतें थे। सबसे पहले मुस्लिम समुदाय ने मक्का मदीना जैसे शांतिपूर्वक इलाको में भगवान भोलेनाथ की पुजारिओ पर आक्रमण किया। वहाँ पे गैर इस्लामिक धर्म से खून की होली खेली गई। खून का ये खेल बहोत दिनों तक चलता रहा।
मोहम्मद साहब ने मक्का में लगी हुई 360 से 359 मूर्तिओ को तबाह कर दिया। उन्हें तोड़ दिया बस एक काला पत्थर सुरक्षित रखा। मुस्लिम हजयात्री आज भी उस काले पत्थर पर अपना माथा जुकाते हैं। जिस तरह हिन्दू अपने पूजा के दौरान बिना सिली हुई सफेद रंग की धोती पहनते हैं उसी तरह मुस्लमान भी जब हजयात्रा के लिए सफेद और बिना सिली धोती पहनते हैं।
हिन्दू समुदाय मानते हैं कि गंगा का पानी सबसे शुर्द्ध होता हैं। उसी तरह मुसलमान आबे ज़मज़म के पानी को शुद्ध मानते हैं। और जब हजयात्रा से वापस आते हैं तो अपने घर पर पानी को लेकर आते हैं।
मक्का में इस्लाम के आने से पहेले मूर्तियों कि पूजा की प्रथा थी। वहां पे हिन्दू देवी देवताओ के मंदिर हुआ करते थे। उन्होंने तो ये तक कह दिया था कि काबा में भगवान शिव का ज्योतिषलिंग था । लेकिन पैगम्बर मोहम्मद ने हमला करके वहाँ से शिव की मूर्ति को तोड़ दिया। हर सच को मिटाने का प्रयाश किया गया था। काबा में भी मूर्ति की पूजा हुआ करती थी पर पैगम्बर के हमले ने इसिहास को बदल दिया। उसका स्वरूप बदल दिया।
मंदिर तोड़ कर मस्ज़िद बनाया गया। कुछ इतिहासकार तो ये भी कहते हैं। कि काबा में पवित्र गंगा हैं। जिसका निर्माण रावण ने किया था। रावण शिव भक्त था वे जानता था कि भोलेनाथ और माँ गंगे का अलग होना नामुनकिन हैं। जहाँ भोलेनाथ रहेंगे वही माँ गंगे रहेगी।
पौराणिक कथा में आपने सुना होगा कि रावण की तपस्या से खुश होकर भगवान ने उसे एक शिवलिंग दिया था। और उसी लंका में स्थापित करने को कहा था। जब रावण शिवलिंग को ले जा रहा था तो रास्ते में ऐसी परिस्थितिया पैदा हुई कि उसे एक जगह धरती पर शिवलिंग रखना पड़ा। रावण ने बहुत प्रयास किया की वो शिवलिंग वहा से उठा लिया जाए पर वो शिवलिंग वहाँ से तससेमस नही हुआ।
पंडितो की मान्यता वो स्थान वर्तमान में सऊदी अरबिया मक्का में स्थित हैं। कब तक ये परंपरा चलती रहेगी कब तक हमारे मंदिर का तिरस्कार होता रहेगा। हम लोंगो को अपनी आवाज बुलंद करके इन सबके खिलाफ लड़ना होगा। तभी हम अपने धर्म की रक्षा कर सकते हैं।
दोस्तों आप सभी लोग इसको इतना ज्यादा शेयर कीजिए कि सभी लोग इसे पढ़े और उन सभी को असलियत मालूम पड़े और आप सभी लोग भी कमेंट्स करके अपना सुजाव जरूर दें।
For More Articles Follow Our Website :- SB Entertainment
Nice
जवाब देंहटाएं